वक़्त ... सतत, व्यापक अनिश्चित ऎसे ही समयारूप चलता रहता है वक़्त ... सतत, व्यापक अनिश्चित ऎसे ही समयारूप चलता रहता है
भारत या भारत का आम नागरिक ! बता ज़रा, क्या पूरी तरह आत्मनिर्भर है रे ? भारत या भारत का आम नागरिक ! बता ज़रा, क्या पूरी तरह आत्मनिर्भर है रे ?
और उस टाइम पड़ोसी के फ़ोन पर अपना कब्ज़ा होता था। और उस टाइम पड़ोसी के फ़ोन पर अपना कब्ज़ा होता था।
पर अपनों साथ ये मुश्किल वक्त भी आसान लगता है। पर अपनों साथ ये मुश्किल वक्त भी आसान लगता है।
रौशनी धीरे धीरे सिमटने लगती है शाम जब भी ढलती है। रौशनी धीरे धीरे सिमटने लगती है शाम जब भी ढलती है।
सबके लिए एक ही लाइन में लिख रहे हैं ! सबके लिए एक ही लाइन में लिख रहे हैं !